कई बार पेटदर्द किसी बड़ी बीमारी का इशारा भी हो सकता है। पथरी एक ऐसी बीमारी है जिसमें रोगी को असहनीय पीड़ा सहन करनी पड़ती है। सामान्यत: पथरी हर उम्र के लोगों में पाई जाती है लेकिन फिर भी यह बीमारी महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में अधिक तकलीफ देने वाली होती है।
पथरी के लक्षण- कब्ज या दस्त का लगातार बने रहना ,उल्टी जैसा होना बैचेनी, थकान, तीव्र पेट दर्द कुछ मिनटो या घंटो तक बने रहना। मूत्र संबंधी संक्रमण साथ ही बुखार, कपकपी, पसीना आना, पेशाब के साथ-साथ दर्द होना ,बार बार और एकदम से पेशाब आना, रुक रुक कर पेशाब आना, रात में अधिक पेशाब आना, मूत्र में रक्त भी आ सकता है, पेशाब का रंग असामान्य होना।
पथरी से बचने के तरीके-
1 .ज्यादा पानी पीएं।
2. आहार में प्रोटीन, नाइट्रोजन तथा सोडियम की मात्रा कम हो।
3. चाकलेट, सोयाबीन, मूंगफली, पालक आदि का सेवन बहुत ज्यादा न करें।
4. आवश्यकता से अधिक कोल्डड्रिंक्स भी नुकसान पहुंचा सकती हैं।
5. विटामिन-सी की भारी मात्रा न ली जाए।
6. हर महीने में पांच दिन एक छोटी चम्मच अजवाइन लेकर उसे पानी से निगल जाएं।
पथरी के कुछ देसी इलाज-
तुलसी के बीज का हिमजीरा दानेदार शक्कर व दूध के साथ लेने से मूत्र पिंड में फंसी पथरी निकल जाती है।
एक मूली को खोखला करने के बाद उसमे बीस-बीस ग्राम गाजर शलगम के बीज भर दें, उसके बाद मूली को भून लें,उसके बाद मूली से बीज निकाल कर पीस लें।
सुबह पांच या छ: ग्राम पानी के साथ एक माह तक पीते रहे,पथरी और पेशाब वाली बीमारियों में फायदा मिलेगा।
जीरे को मिश्री की चाशनी बनाकर उसमें या शहद के साथ लेने पर पथरी घुलकर पेशाब के साथ निकल जाती है।
पथरी के लक्षण- कब्ज या दस्त का लगातार बने रहना ,उल्टी जैसा होना बैचेनी, थकान, तीव्र पेट दर्द कुछ मिनटो या घंटो तक बने रहना। मूत्र संबंधी संक्रमण साथ ही बुखार, कपकपी, पसीना आना, पेशाब के साथ-साथ दर्द होना ,बार बार और एकदम से पेशाब आना, रुक रुक कर पेशाब आना, रात में अधिक पेशाब आना, मूत्र में रक्त भी आ सकता है, पेशाब का रंग असामान्य होना।
पथरी से बचने के तरीके-
1 .ज्यादा पानी पीएं।
2. आहार में प्रोटीन, नाइट्रोजन तथा सोडियम की मात्रा कम हो।
3. चाकलेट, सोयाबीन, मूंगफली, पालक आदि का सेवन बहुत ज्यादा न करें।
4. आवश्यकता से अधिक कोल्डड्रिंक्स भी नुकसान पहुंचा सकती हैं।
5. विटामिन-सी की भारी मात्रा न ली जाए।
6. हर महीने में पांच दिन एक छोटी चम्मच अजवाइन लेकर उसे पानी से निगल जाएं।
पथरी के कुछ देसी इलाज-
तुलसी के बीज का हिमजीरा दानेदार शक्कर व दूध के साथ लेने से मूत्र पिंड में फंसी पथरी निकल जाती है।
एक मूली को खोखला करने के बाद उसमे बीस-बीस ग्राम गाजर शलगम के बीज भर दें, उसके बाद मूली को भून लें,उसके बाद मूली से बीज निकाल कर पीस लें।
सुबह पांच या छ: ग्राम पानी के साथ एक माह तक पीते रहे,पथरी और पेशाब वाली बीमारियों में फायदा मिलेगा।
जीरे को मिश्री की चाशनी बनाकर उसमें या शहद के साथ लेने पर पथरी घुलकर पेशाब के साथ निकल जाती है।
पत्थरी के बारे में कुछ बातें
Reviewed by naresh
on
Saturday, October 20, 2012
Rating:
बेहतरीन जानकारी
ReplyDeleteक्या बात है!!!
ReplyDelete---
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