मौसम मोहब्ब्त का बस इतना सा फसाना है,
मौसम मोहब्ब्त का बस इतना सा फसाना है
कागज की हवेली है और बारिश का जमाना है।
क्या शर्त –ए – मोहब्ब्त क्या शर्त –ए – जमाना है,
क्या शर्त –ए – मोहब्ब्त क्या शर्त –ए – जमाना है
आवाज भी जख्मी है और गाना भी गाना है।
उस पार उतरने की उमीद कम है ,
उस पार उतरने की उमीद कम है ,
कश्ती भी पुरानी है और तूफान भी आना है।
समझे या ना समझे वो अंदाज मोहब्ब्त का ,
समझे या ना समझे वो अंदाज मोहब्ब्त का ,
एक सख्स है जिसको दिल का सारा हाल सुनाना है।
भोली सी अदा फिर इशक़ की जिद पे है,
भोली सी अदा फिर इशक़ की जिद पे है,
फिर आग का दरिया है और डूब के जाना है।
मौसम मोहब्ब्त का बस इतना सा फसाना है
कागज की हवेली है और बारिश का जमाना है।
क्या शर्त –ए – मोहब्ब्त क्या शर्त –ए – जमाना है,
क्या शर्त –ए – मोहब्ब्त क्या शर्त –ए – जमाना है
आवाज भी जख्मी है और गाना भी गाना है।
उस पार उतरने की उमीद कम है ,
उस पार उतरने की उमीद कम है ,
कश्ती भी पुरानी है और तूफान भी आना है।
समझे या ना समझे वो अंदाज मोहब्ब्त का ,
समझे या ना समझे वो अंदाज मोहब्ब्त का ,
एक सख्स है जिसको दिल का सारा हाल सुनाना है।
भोली सी अदा फिर इशक़ की जिद पे है,
भोली सी अदा फिर इशक़ की जिद पे है,
फिर आग का दरिया है और डूब के जाना है।
मौसम मोहब्ब्त का बस इतना सा फसाना है
Reviewed by naresh
on
Monday, March 26, 2012
Rating:
bahut khuub bhai
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