कुछ कार्य ऐसे हैं जिनमें करने में हमें किसी भी प्रकार की शर्म नहीं करना चाहिए। वरना हानि उठानी पड़ सकती है।
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि-
संचित धन अरु धान्यं कूं, विद्या सीखत बार।
करत और व्यवहार कूं, लाल न करिय अगार।।
धन-धान्य के लेन-देन, विद्याध्ययन, भोजन, सांसारिक व्यवसाय इन चार कामों के करने में किसी भी प्रकार की लज्जा नहीं करना चाहिए।
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि किसी व्यक्ति को धन से संबंधित कार्य में संकोच नहीं करना चाहिए। धन का जो भी लेन-देन है उसे स्पष्ट रूप से कह देना चाहिए। अन्यथा धन को लेकर वाद-विवाद होने की पूरी संभावनाएं रहती है। इसी प्रकार कभी शिक्षा के संबंध में भी लज्जा नहीं करना चाहिए। कुछ सीखना हो तो इसे बताने में शर्माना नहीं चाहिए। अन्यथा जीवन पर अज्ञानी की भांति रहना पड़ सकता है। जो व्यक्ति खाने के संबंध में संकोच करता है वह अक्सर भूखा ही रह जाता है। इसलिए भूख लगने पर संबंधित व्यक्ति खाना ले लेना चाहिए। अन्यथा भूखे रहना पड़ सकता है। इसी प्रकार यदि कोई व्यवसायी है तो उसे अपने ग्राहकों या देनदारों से शर्म नहीं करना चाहिए। धन और सामान से जुड़ी समस्त बातें साफ-साफ कर लेनी चाहिए।
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि-
संचित धन अरु धान्यं कूं, विद्या सीखत बार।
करत और व्यवहार कूं, लाल न करिय अगार।।
धन-धान्य के लेन-देन, विद्याध्ययन, भोजन, सांसारिक व्यवसाय इन चार कामों के करने में किसी भी प्रकार की लज्जा नहीं करना चाहिए।
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि किसी व्यक्ति को धन से संबंधित कार्य में संकोच नहीं करना चाहिए। धन का जो भी लेन-देन है उसे स्पष्ट रूप से कह देना चाहिए। अन्यथा धन को लेकर वाद-विवाद होने की पूरी संभावनाएं रहती है। इसी प्रकार कभी शिक्षा के संबंध में भी लज्जा नहीं करना चाहिए। कुछ सीखना हो तो इसे बताने में शर्माना नहीं चाहिए। अन्यथा जीवन पर अज्ञानी की भांति रहना पड़ सकता है। जो व्यक्ति खाने के संबंध में संकोच करता है वह अक्सर भूखा ही रह जाता है। इसलिए भूख लगने पर संबंधित व्यक्ति खाना ले लेना चाहिए। अन्यथा भूखे रहना पड़ सकता है। इसी प्रकार यदि कोई व्यवसायी है तो उसे अपने ग्राहकों या देनदारों से शर्म नहीं करना चाहिए। धन और सामान से जुड़ी समस्त बातें साफ-साफ कर लेनी चाहिए।
इन चार कामों में बेशर्म होना अच्छा है, क्योंकि...
Reviewed by naresh
on
Friday, March 02, 2012
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bahut badhiya jankari ...
ReplyDeletehttp://jadibutishop.blogspot.com