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सावधान! जब ऐसे इशारे मिले तो समझ जाए होने वाली है डायबिटीज

डायबिटीज के नाम से जाने वाला यह रोग मूल रूप से वैज्ञानिक भाषा में डायबिटीज मेलाईटस है, जिसमें खून में शर्करा (शुगर ) क़ी मात्रा बढ़ जाती है। अत्यधिक भूख लगना, अत्यधिक पेशाब जाना एवं बार-बार मुहं सूखने के कारण प्यास लगना, इसके सामान्य लक्षण हैं। यह रोग मुख्यतया तीन प्रकार का होता है 

-1.टाईप-1 डायबटीज - इन्सुलीन के न बन पाने के कारण होने वाला, जिसे इंसुलिन डीपेंडेंट डायबिटीज 

2. टाईप-2 डायबिटीज- इंसुलिन के रेसिस्टेंस के कारण होने वाला, जिसमें कोशिकाएं इंसुलिन का सही रूप में उपयोग नहीं कर पाती हैं। 3.गेस्टेशनल डायबिटीज -ऐसा गर्भिणी महिला में होता है,जिसमें कभी डायबिटीज नहीं होने के बावजूद भी गर्भावस्था में खून में शर्करा की मात्रा बढ़ जाने की समस्या से दो चार होना पड़ता है।

गर्भवती स्त्रियों या बार-बार गर्भपात होने वाली स्त्रियों में अक्सर मधुमेह रोग पाया जाता है। डायबिटीज के रोगी को भूख और प्यास बहुत ज्यादा लगती है। इस रोग के रोगी को पेशाब बहुत ज्यादा मात्रा में आता है। डायबिटीज का रोग होने के कारण रोगी के शरीर में बहुत ज्यादा कमजोरी आ जाती है। डायबिटीज रोग में रोगी को रात को नींद नही आती है जिसके कारण रोगी के दिमाग में तनाव बढ़ जाता है। डायबिटीज  के रोग में रोगी को हमेशा सिर, कमर और जोड़ों में दर्द रहता है।

त्वचा रूखी-सूखी सी रहती है। उसके शरीर पर मोटे-मोटे फोड़े निकल जाते हैं और पैरों में से पानी निकलने लगता है। मधुमेह के रोग में लकवा, फेफड़ों के रोग और आंखों का कमजोर होना तो बहुत ज्यादा पाया जाता है। हमेशा जी खराब रहना, बदहजमी रहना और उल्टी आने की शिकायत रहती है।  रोगी को खुजली रहती है। उसके पैरों के अंगूठे, एड़ी, मुंह, टांगे और जननेन्द्रिय कमजोर पड़ जाती है। रोगी ज्यादा दूर तक पैदल नही चल पाता। उसे नपुंसकता का रोग और कब्ज रहता है।

वैसे आमतौर पर होने वाले डायबिटीज के रोगियों में आरामतलबी जीवनशैली, आहार-विहार आदि प्रमुख कारण के रूप में देखे जाते हैं, जिसे आयुर्वेद के मनीषी चरक ने भी बतलाया है। रक्त में शर्करा की मात्रा की जानकारी होना भी सामान्य सहित पीडि़त व्यक्ति के लिए आवश्यक है। फास्टिंग ब्लड शुगर का अर्थ 8 से 12 घंटे भूखा रहकर कराई गई खून में शर्करा की जांच होती है। जिसे सामान्य रूप में 70 मिलीग्राम प्रति डीएल से 120 मिलीग्राम प्रति डीएल होना चाहिए, यदि यह 125 मिली ग्राम प्रति डीएल से अधिक है, तो आप डायबिटीक हो सकते हैं। 

इसी प्रकार दिन में किसी भी समय कराई गयी खून में शर्करा की जांच 70 से 140 मिलीग्राम प्रति डीएल आनी चाहिए,यदि यह 200 मिलीग्राम प्रति डीएल से अधिक है, तो भी आपके डायबटीज से ग्रसित होने की संभावना बनती है, इसी प्रकार भोजन ग्रहण करने के डेढ़ से दो घंटे के बाद कराई गयी खून में शर्करा की जांच पोस्ट प्रेंडीयल या पी.पी. कहलाती है, इसे भी सामान्य रूप से 70 मिलीग्राम प्रति डी .एल से 160 मिलीग्राम प्रति डीएल होना चाहिए। 


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सावधान! जब ऐसे इशारे मिले तो समझ जाए होने वाली है डायबिटीज सावधान! जब ऐसे इशारे मिले तो समझ जाए होने वाली है डायबिटीज Reviewed by naresh on Friday, February 24, 2012 Rating: 5

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