डिजिटल कैमरा जब से मोबाईल में आने लगा है एक सर्व सुलभ वस्तु बन गया है | तस्वीर की गुणवत्ता के मामले में मोबाईल कैमरा ,कैमरा डीवाइस का मुकाबला नहीं करता है | जो परिणाम कैमरा डीवाइस में मिलता है वो मोबाइल कैमरे में नहीं मिलता है |
- मेगापिक्सल (Megapixels) अगर आप 4x6 की तस्वीर का प्रिंट निकालना चाहते है तो उसके लिए आपको कम से कम 2 मेगापिक्सल का कैमरा चाहिए ,लेकिन जब बड़ी तस्वीर निकालनी हो तो उसी अनुपात में इसकी जरूरत पड़ती है |
- एल सी डी स्क्रीन - कैमरे की स्क्रीन विभिन्न साईजो में आती है लेकिन ज्यादा तर तीन इंच की स्क्रीन पर्याप्त रहती है ताकी आप अपनी खींची गई तस्वीर को ठीक से देख सके और संपादित कर सके |
- ज़ूम साइज - यह कैमरे का आवश्यक तत्व है | निर्माता कंपनीया अपने माल को बेचने में इसी का फायदा उठाती है | ये दो प्रकार का होता है एक डिजिटल ज़ूम दूसरा ऑप्टिकल ज़ूम | डिजिटल ज़ूम में उस कैमरे का सोफ्टवेयर तस्वीर को बड़ा कर के दिखाता है,जबकी वास्तव में तस्वीर उतनी ही रहती है | जैसे हमारे कंप्युटर में हम फोटो को बड़ा करके देखते है |जबकि ऑप्टिकल ज़ूम में कैमरे का लेंस आगे पीछे होकर आपकी तस्वीर को नजदीक से या दूर से लेने में सहायक होता है | जिसके कारण तस्वीर बहुत ज्यादा स्पष्ट और गहराई लिए आती है |घरेलू कैमरों में अधिकतर ३ एक्स का ऑप्टिकल ज़ूम आता है |अगर आप आऊटडोर फोटोग्राफी (जैसे जंगली दृश्य ,पशु पक्षी आदि की) करना चाहते है तो उसके लिए इससे भी ज्यादा ज़ूम की जरूरत पड़ेगी | लेकिन इतना ध्यान जरूर रखे की आपको डिजिटल ज़ूम के चक्कर में नहीं पढ़ना है |
ISO-ये प्रकाश को नापने के काम आता है | ज्यादा ISO वाला कैमरा कम रोशनी में भी साफ़ तस्वीरे ले सकता है| ये 800,1600,3200,6400 तक की रेंज में आते है |- फेस डिटेक्शन - ये फंकशन आपके द्वारा इच्छित व्यक्ति की इमेज को सेव करके रखता है | और बाद में जब आप ग्रुप में फोटो खीचते है तब ये उस चेहरे के सामने आने पर ही फोटो खीचेगा अन्यथा नहीं |
- आई ब्लिंकर - ये फंक्सन ओन होने की अवस्था में जब आप फोटो लेते है और ऑब्जेक्ट की आँखे फ्लैस की चमक की वजह से बंद हो जाती है तो वो फोटो खिची नहीं जायेगी उसकी आँख खुली रहने पर ही फोटो खीची जायेगी
- मेमोरी कार्ड - हमारे कम्पयुटर की हार्ड डिस्क की स्पीड की तरह मेमोरी कार्ड के डेटा ट्रान्सफर की भी गति और नाप होता है| १० मेगा पिक्सल वाली 200 इमेज 1जीबी के डाटा कार्ड में रख सकते है|जितना मेगापिक्सल बढ़ेगा उतनी ही ज्यादा स्टोरेज वाले कार्ड की जरूरत पड़ेगी |
- इमेज सेंसर - ये कैमरे के अंदर होता है इसका आकार जितना ज्यादा होता है ये उतनी ही स्पष्ट तस्वीर ले पायेगा |ये आजकल सीसीडी टाईप का आता है |
- इमेज स्टेबलाइजेशन - कभी कभी हम फोटो लेते है तब हमारा हाथ हिल जाता है और फोटो ब्लरी(धुंधली)आती है |इससे निपटने के लिए आधुनिक कैमरों में इमेज स्टेबलाइजेशन का फंक्शन दिया जाता है ये दो प्रकार का आता है एक डिजिटल दूसरा मेकेनिकल | इसमें तुलनात्मक रूप से देखे तो मेकेनिकल का परिणाम ज्यादा बढ़िया आता है |
- source:http://myshekhawati.blogspot.in
कुछ बाते डिजिटल कैमरे के बारे में
Reviewed by naresh
on
Sunday, February 19, 2012
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