व्यवहार और स्वभाव ही हमारे व्यक्तित्व का दर्पण है। जैसा हम दूसरे लोगों को दिखाते हैं उनकी वैसी ही सोच हमारे लिए बनती है। इसीलिए कुछ ऐसे नियम बताए गए हैं जिनका पालन करने पर समाज में हमारे लिए अच्छी सोच बनती है। आचार्य चाणक्य कहते हैं-
विप्रयोर्विप्रवह्नेश्च दम्पत्यो: स्वामिभृत्ययो:।
अन्तरेण न गन्तव्यं हलस्य वृषभस्य च।।
इस संस्कृत श्लोक का अर्थ है दो ब्राह्मणों अथवा ज्ञानी के बीच में से, ब्राह्मण और अग्नि के बीच में से, स्वामी एवं सेवक के बीच से, पति-पत्नी के बीच में से और हल तथा बैल के बीच से निकलना अनुचित माना गया है।
आचार्य चाणक्य के अनुसार यदि दो ब्राह्मण या दो विद्वान व्यक्ति आपस में बात कर रहे हों तो उनके बीच में नहीं निकलना चाहिए। इसी प्रकार किसी धार्मिक अनुष्ठान में इस बात का ध्यान रखें कि ब्राह्मण और अग्नि के बीच में से न निकलें। सबसे जरूरी बात यदि कहीं पति और पत्नी आपस में कुछ बात कर रहे हैं या कहीं बैठे हैं तो उनके बीच में हरगिज नहीं निकलना चाहिए। यह शिष्टाचार के नियमों के विरुद्ध है। इस प्रकार के कार्य करने वाले व्यक्ति को समाज में अच्छी नजर से नहीं देखा जाता है। इसी क्रम में मालिक और नौकर के बीच में से भी नहीं निकलना चाहिए। यदि कहीं बैल हल के साथ खड़ा हो तो इन दोनों के बीच में से भी न निकलें, संभवत: चोट लगने का खतरा रहता है।
source"bhaskar.com
विप्रयोर्विप्रवह्नेश्च दम्पत्यो: स्वामिभृत्ययो:।
अन्तरेण न गन्तव्यं हलस्य वृषभस्य च।।
इस संस्कृत श्लोक का अर्थ है दो ब्राह्मणों अथवा ज्ञानी के बीच में से, ब्राह्मण और अग्नि के बीच में से, स्वामी एवं सेवक के बीच से, पति-पत्नी के बीच में से और हल तथा बैल के बीच से निकलना अनुचित माना गया है।
आचार्य चाणक्य के अनुसार यदि दो ब्राह्मण या दो विद्वान व्यक्ति आपस में बात कर रहे हों तो उनके बीच में नहीं निकलना चाहिए। इसी प्रकार किसी धार्मिक अनुष्ठान में इस बात का ध्यान रखें कि ब्राह्मण और अग्नि के बीच में से न निकलें। सबसे जरूरी बात यदि कहीं पति और पत्नी आपस में कुछ बात कर रहे हैं या कहीं बैठे हैं तो उनके बीच में हरगिज नहीं निकलना चाहिए। यह शिष्टाचार के नियमों के विरुद्ध है। इस प्रकार के कार्य करने वाले व्यक्ति को समाज में अच्छी नजर से नहीं देखा जाता है। इसी क्रम में मालिक और नौकर के बीच में से भी नहीं निकलना चाहिए। यदि कहीं बैल हल के साथ खड़ा हो तो इन दोनों के बीच में से भी न निकलें, संभवत: चोट लगने का खतरा रहता है।
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पति-पत्नी के बीच में से नहीं निकलना चाहिए...
Reviewed by naresh
on
Saturday, April 21, 2012
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पृथ्वी दिवस की शुभकामनाएँ!
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