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चुनें अपना कंप्यूटर


आप कौन सी कंप्यूटिंग डिवाइस खरीदने की प्लानिग कर रहे हैं ? टेबलेट, ऑल-इन-वस, डेस्कटॉप, नोटबुक, नेटबुक या अल्ट्राबुक। बाजार में मौजूद आधा दर्जन से ज्यादा कंप्यूटिंग डिवासेज ने कन्फ्यूजन बढ़ा दिया है कि कौन सा खरीदें और कौन सा नहीं। जल्दबाजी न करे। खरीदने से पहले जान लें कि कौन सा कंप्यूटर करेगा आपको सूट..
नोटबुक्स
भारी-भरकम डेस्कटॉप का अगर कोई विकल्प है तो वह है नोटबुक या लैपटॉप। नोटबुक ने डेस्कटॉप और नेटबुक के बीच के अंतर को भरने का काम किया है। 13.5 से 15.5 इंच की बड़ी स्क्रीन सिर्फ नोटबुक्स में ही मिलती है। परफॉरमेंस के मामले में ये डेस्कटॉप से भी आगे हैं। इनमें हाय-एंड गेमिग के अलावा मल्टीमीडिया जैसा हैवी काम भी किया जा सकता है। इसके अलावा मोबाइल कंप्यूटिंग ऑप्शन में ये सबसे भारी हैं।
20 हजार से शुरू..
फायदे : बड़ी स्क्रीन, पॉवरफुल परफॉरमेंस और डेस्कटॉप एक्सपीरियस नोटबुक्स का यूएसपी है।
नुकसान : नोटबुक काफी भारी होता है और इसमें प्रोसेसर अपग्रेडेशन और डिस्प्ले अपग्रेडेशन जैसे ऑप्शन नहीं होते।
कौन करें पसद : वे यूजर जो सहूलियत को ध्यान में रखते हैं और मोबिलिटी के दौरान डेस्कटॉप जैसी परफॉरमेंस चाहते हैं उनके लिए यह बेस्ट है।
डेस्कटॉप
चाहे बजट की बात हो या परफॉरमेंस की, डेस्कटॉप का कोई विकल्प नहीं है। डेस्कटॉप का बेहतरीन हार्डवेयर अपग्रेडेशन ऑप्शन इसकी यूएसपी है। यूजर अपनी जरूरत के मुताबिक प्रोसेसर, ग्राफिक कार्ड, मदरबोर्ड, डिस्प्ले और कीबोर्ड-माउस बदल सकते हैं। ढेरों ऑप्शन आने के बावजूद यह ऑल-इन-वन पीसी और नोटबुक्स के मुकाबले बेहद सस्ता है।
15 हजार से शुरू..
फायदे : डेस्कटॉप बजट पीसी है अपनी जेब के मुताबिक खरीद सकते हैं। वहीं आसानी से अपग्रेड कर सकते हैं इसके अलावा परफॉरमेंस के मामले में इसका कोई तोड़ नहीं है।
नुकसान : डेस्कटॉप का भारीपन, हैंडी न होना और बैट्री बैकअप के लिए यूपीएस पर निर्भरता इसका सबसे बड़ा ड्रा बैक है। वहीं केबल्स को सहेजना अलग टेंशन है।
कौन करें पसद : अगर आप डिजाइनर या गेमिग के शौकीन हैं और हाई परफॉरमेंस पीसी चाहते हैं तो डेस्कटॉप बेस्ट है। जो लोग मशीन बार-बार बदलना पसद नहीं करते वे भी इसे तरजीह दे सकते हैं।
नेटबुक्स
4-5 साल पहले जब नेटबुक आई थी तो पूरी दुनिया के लिए यह एक सरप्राइज जैसा था। जेब से बाहर होतीं नोटबुक्स और भारी-भरकम डेस्कटॉप के मुकाबले नेटबुक्स को देखकर लोगों को भरोसा ही नहीं हुआ कि ऐसा भी कोई पीसी है जो दिखने में नोटबुक्स जैसा है और कीमत में आधा। 2 जीबी रैम ने नेटबुक्स की परफॉरमेंस को थोड़ा बढ़ा दिया है लेकिन नोटबुक्स के मुकाबले नहीं। बेसिक कंप्यूटिंग जैसे वेब ब्राउजिंग, ईमेलिग और एमएस ऑफिस के लिए नेटबुक्स बेस्ट हैं।
10 से 25 हजार में उपलब्ध..
फायदे : स्मार्टफोन के बराबर कीमत वाली नेटबुक्स कॉम्पेक्ट और पोर्टेबल तो हैं ही, साथ ही ब्राउजिंग और बेसिक कंप्यूटिंग के लिए भी बेस्ट हैं।
नुकसान : कम प्रोसेसिग पॉवर इसका सबसे बड़ा ड्रा बैक है।
कौन करें पसद : वे यूजर जो हमेशा रोमिग रहते हैं और भारी-भरकम नोटबुक्स कैरी नहीं कर सकते। साथ ही कम पैसे में ऑन-लाइन कनेक्टिविटी और कंप्यूटिंग डिवाइस चाहते हैं, उनके लिए बेस्ट है।
अल्ट्राबुक्स
भारत में अल्ट्राबुक्स का पदार्पण 2011 के आखिर में ही हुआ है। अभी लोगों को इनके बारे में कम जानकारी है। अल्ट्राबुक्स सुपर स्लिम होने के साथ सुपरफास्ट और अल्ट्रा पोर्टेबल भी हैं। जो खामिया नेटबुक और नोटबुक में थीं, अल्ट्राबुक में उन्हें पूरा करने की कोशिश की गई है। अल्ट्राबुक्स वजन में काफी हल्की तो हैं ही साथ ही काफी पतली भी है और इनका परफॉरमेंस लेवल भी जबरदस्त है। इनका बैट्री बैकअप 6 घटे से ज्यादा का है। वहीं इनमें कनेक्टिविटी के कई ऑप्शस हैं। इनकी शुरुआती कीमत नोटबुक के प्रीमियम सेगमेंट के बराबर है। लेकिन अच्छी खबर यह है कि कई प्लेयर्स सस्ती अल्ट्राबुक्स लाने की तैयारी कर रहे हैं।
48 हजार से शुरू..
फायदे : स्लिम, लाइट वेट, गुड बैट्री लाइफ और सुपीरियर प्रोसेसिग पॉवर।
नुकसान : काफी महंगी हैं और हार्डवेयर अपग्रेडेशन का ऑप्शन सीमित।
कौन करें पसद : जो यूजर वाकई में नोटबुक्स का विकल्प चाहते हैं, दूसरों से अलग हट कर वजन में हल्की और पॉवरफुल डिवाइस खरीदना चाहते हैं, उनके लिए अल्ट्राबुक बेस्ट है।
ऑल-इन-वन पीसी
एपल के कॉम्पैक्ट डेस्कटॉप आइमैक की तरह अब बाकी कंपनियों ने भी डेस्कटॉप का नया वर्जन ऑल-इन-वन लॉन्च किया है। इन कॉम्पैक्ट कंप्यूटर्स में मॉनिटर, मदरबोर्ड, हार्डड्राइव और स्पीकर्स यानी पूरी सीपीयू यूनिट एक ही बॉक्स में होती है, जिससे यह कम जगह घेरता है और बेवजह केबल्स का झझट नहीं होता। कुछ ऑल-इन-वन पीसी को टीवी की तरह भी इस्तेमाल किया जा सकता है। वहीं कुछ में टचस्क्रीन का फीचर भी होता है।
20 हजार से शुरू..
फायदे : कॉम्पैक्ट होने के चलते ये कम जगह घेरते हैं। परफॉरमेंस नोटबुक या परंपरागत डेस्कटॉप जैसी। टचस्क्रीन का एडवाटेज नया एक्सपीरियस।
नुकसान : हार्डवेयर अपग्रेडेशन के ऑप्शन लिमिटेड हैं। अगर आपको मॉनिटर बड़े साइज का लेना है तो ऑल-इन-वन पीसी में यह सभव नहीं है। साथ ही कीमत के लिहाज से थोड़े महंगे हैं।
कौन करें पसद : जिन्हें कॉम्पैक्ट पीसी चाहिए और जो डेस्कटॉप जैसी परफॉरमेंस चाहते हैं।
टेबलेट्स
पिछले दो सालों में जितनी धूम टेबलेट ने मचाई है शायद ही किसी कंप्यूटिंग डिवाइस ने ऐसा किया हो। टेबलेट सही मायनों में गेम चेंजर है जिसने कंप्यूटिंग व‌र्ल्ड में रिवॉल्यूशन ला दिया है। अपने हल्के वजन और टच इंटरफेस के चलते टेबलेट्स यग जेनरेशन में पॉपुलर हो रही हैं। इनबिल्ट 3जी कनेक्टिविटी, एंड्रॉयड ओएस और अच्छी बैट्री लाइफ ने टेबलेट्स को नेटबुक्स का ऑप्शन बना दिया है। टेबलेट्स बेसिक कंप्यूटिंग टास्क और ऑनलाइन वर्क के लिए बेस्ट हैं। कुछ टेबलेट्स को कंप्यूटिंग के अलावा मोबाइल की तरह भी यूज किया जा सकता है। टेबलेट्स की एक और खासियत जो उसे और पॉपुलर बनाती है वह है इसका पॉकेट फ्रेंडली होना। बाजार में सस्ती से सस्ती और महंगी से महंगी टेबलेट्स उपलब्ध हैं।
आकाश को छोड़ दें तो बाजार में टेबलेट्स की रेंज 8 से 46 हजार तक हैं।
फायदे : बाजार में टेबलेट्स 5 इंच से लेकर 10 इंच के साइज में उपलब्ध हैं। टेबलेट्स पोर्टेबल तो हैं ही साथ ही इनमें बैट्री लाइफ और कनेक्टिविटी का कोई इश्यू नहीं है। एप्स डाउनलोड करने की सुविधा इसे और पॉपुलर बनाती है।
नुकसान : टेबलेट्स बेसिक कंप्यूटिंग डिवाइस है और इन्हें डेस्कटॉप या नोटबुक्स के विकल्प की तरह यूज नहीं किया जा सकता।
कौन करें पसद : वे यूजर जो मोबाइल और कंप्यूटिंग दोनों एक ही डिवाइस में चाहते हैं और बिना झझट के इंटरनेट यूज करना चाहते हैं उनके लिए टेबलेट अच्छा ऑप्शन है।


[हरेन्द्र चौधरी]
चुनें अपना कंप्यूटर चुनें अपना कंप्यूटर Reviewed by naresh on Sunday, April 08, 2012 Rating: 5

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